सोमवार, 16 अप्रैल 2007

या अल्लाह, मज़ाक में मिट गई मुहब्बत

आप हंसते हैं-मुस्कुराते हैं, हमेशा हल्की फुल्की बातें करते हैं ताकि लोगों को खुश रख सकें तो यह भी ठीक नहीं। आप विदूषक नहीं है,आप बेहतरीन स्टूडेंट भी हैं लेकिन आपकी बातें लोगों को गुदगुदाती हैं तो ये भी ठीक नहीं।

भईया, ये मूल्यवान अनुभव में हमनें अपनी ही ज़िंदगी से सीखा है। किस्सा करीब 12 साल पुराना है। कॉलेज के दिनों में एक बालिका(A) हमें अच्छी लगने लगी। हमारी उससे गहरी दोस्ती हो गई।

क्रमश:

एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है
एक लड़की का हाल पूछना दूसरी से बेगाना बना देता है...

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तो जनाब हुआ यों कि इस बालिका की एक खास सहेली(B) भी थी। हमारी भी वो अच्छी मित्र थी-लेकिन लगातार दो दिन वो क्लास में नहीं आयी तो हमने अपनी गहरी दोस्त से पूछ डाला-"क्या बात है...वो(B) क्यों नहीं आ रही।"

वैसे, आपकी किस्मत अगर लुढ़िस(शब्द पर गौर फरमाएं) हो तो आप ऐसी हरकत कर डालते हैं कि मुहब्बत पर पानी फिर ही जाता है। एक दिन तमाम दोस्तों के बीच B ने कहा कि उसे हक़ीकत फिल्म का एक गाना बहुत पसंद है-लेकिन वो कैसेट कहीं नहीं मिलती। अपनी किस्मत खराब थी कि अगले ही दिन एक दुकान पर हम पहुंचे कि हकीकत फिल्म की वो कैसेट हमें मिल गईं। हमने खरीदी और B को भेंट कर दी। अब,हमें क्या पता था कि इस भेंट का गलत अर्थ निकाल लिया जाएगा।

बहरहाल, कहानी के इस दौर में एक दिन अचानक A ने कहा कि उसे हमसे कोई बहुत ज़रुरी बात करनी है। हमनें सोचा कि चलो...कुछ प्यारभरी इनकी भी सुन लेते हैं।

लेकिन,A ने तो पूरी कहानी का ऐसा पलीता किया कि क्या बताएं। A ने हमसे कहा कि अगर B तुम्हें पसंद है तो तुम उससे जाकर कहो। क्योंकि,इस तरह के हिंट वहां से भी मिल रहे हैं। अब, अपन ए के चक्कर में- प्रस्ताव बी का मिला तो दिमाग चकरघिन्नी होने लगा। लेकिन,उसी वक्त हमने होश संभाला। सोच लिया कि अगर सीधी सीधी बात नहीं की तो पूरी ज़िंदगी अफ़सोर रहेगा। प्रेम के इज़हार का कोई मौका तो नहीं था लेकिन गंगा उल्टी दिशा में बह जाए-इससे पहले ही कुआँ खोद डालना था। हमनें आवाज़ भारी की और कहा "ए, मैं तुम्हें पसंद करता हूं।" लेकिन,हमें क्या पता था कि पूर्व जन्म में किए पाप मज़ाक-मज़ाक में इतने भारी पड़ेगे कि मुहब्बत ही मेंट डालेंगे। ए ने एक पल हमारे चेहरे को निहारा और फिर ज़ोर से हंसकर बोली-"मजाक मत करो पीयूष"।

3 टिप्‍पणियां:

Atul Sharma ने कहा…

अच्छा इतिहास है। आगे के अंक की प्रतीक्षा है।

अभय तिवारी ने कहा…

तो क्या आप अपने तथाकथित मज़ाक पर मुस्करा दिये.. ? हैं? फिर क्या हुआ? बोलो?

ePandit ने कहा…

फिर आपने ए को क्या जवाब दिया। बताओ ना प्लीज फिर क्या हुआ... :)