मंगलवार, 3 अप्रैल 2007

पियक्कड़ों से पंगा

दिल्ली के पियक्कड़ परेशान हैं। मैखाने चार दिन तक बंद रहेंगे। एमसीडी चुनाव पांच अप्रैल को हैं-लिहाजा उस दिन शराब की दुकानें बंद हैं। इससे एक दिन पहले यानी चार अप्रैल को भी मयखानों पर ताला जड़ा रहेगा। किस्मत का खेल देखिए-छह अप्रैल को गुड फ्राइडे पड़ गया, सो उस दिन भी पियक्कड़ों को गला तर्र करने में दिक्कत होनी है और सात अप्रैल को मतों की गिनती होगी, इसलिए पीने वालों को दारु मिलने में परेशानी होगी।

लेकिन,किस्सा ये नहीं है। ये तो एक ख़बर है-जिसके चलते दिल्ली के पियक्कड़ परेशान है। समझदार दारुबाजों ने दारु का स्टॉक जमा कर लिया है। दरअसल, इस ख़बर को पढ़ने के बाद एक दिलचस्प किस्सा याद आ गया।

बात कुछ साल पहले की है। दिल्ली में तब भी लगातार दो दिन ड्राईडे था। दूसरे दिन अचानक शाम के अखबार में एक ख़बर छपी। बड़े फांट वाली हेडलाइन थी-लाखों ने मुफ्त पी, सैकड़ों कल पीएंगे।
मुझे याद है कि बस में बैठे करीब 60 लोगों में से 20-25 लोगों ने महज हेडलाइन पढ़कर अखबार खरीद लिया। लेकिन, मज़ा तब आया-जब सभी ने ख़बर पढ़ी। दरअसल, यह ख़बर पल्स पोलियो डे से संबंधित थी। जिसमें कहा गया था- लाखों बच्चों को मुफ्त में पोलिया की दवा पिलाई गई और जो छूट गए हैं उन्हें कल पिलाई जाएगी।

यानि ड्राई डे में पियक्कडों से एक अखबार ने ठिठौली कर दी...
-पीयूष

1 टिप्पणी:

ghughutibasuti ने कहा…

अच्छा लेख लिखा है। हमारे समाज में जब तक हम दूसरे के खान, पान, विचार पर अपने विचार, अपने मूल्य न थोपें हमें जीने में मजा नहीं आता। जो पीना चाहे उसे पीने दो जब तक वह आपको परेशान नहीं करता। क्यों उनका गला सुखाना चाहती है सरकार!
घुघूती बासूती