मंगलवार, 27 मार्च 2007

बैल पर सलमान

सोचिए...कितना अद्भुत दृश्य हो-अगर हष्ट पुष्ट सल्लू मियां जेल से बैल पर बैठकर बाहर निकलें। काला बैल-गोरे सलमान। वाह..बहुत खूब। वैसे, यह दृश्य सिर्फ कल्पना की उपज है-लेकिन एक राष्ट्रीय चैनल पर यह समाचार दिखायी पड़ा-"सलमान बैल पर रिहा"। ये फ्लैश कई बार टेलीविजन पर प्रगट होता रहा।

ज्यादातर टेलीविजन चैनलों में तेज़ी से ख़बर प्रसारित करने का इतना दबाव होता है कि कई बार बेकिंग न्यूज के मामले में भी उंगलियां दगा दे जाती हैं। हालांकि,गलती फौरन सुधार ली जाती हैं लेकिन, इस मामले में ऐसा नहीं था। दरअसल, यहां मामला अंग्रेजी भाषी बालिका के शीघ्र अर्जित हिन्दी ज्ञान से संबंधित था। उस दिन
वो बालिका टिकर पर बैठी थी। (वो विभाग जो टेलीविजन पर नीचे चलने वाली पट्टियां, फ्लैश, ब्रेकिंग न्यूज आदि चलाता है)। अचानक सलमान के ज़मानत पर रिहा होने की ख़बर आयी। उस कन्या ने ज़मानत का हिन्दी अर्थ पूछा नहीं अलबत्ता अग्रेजी में ही शब्द घुसेड़ दिया। लेकिन,देवी हिन्दी ठीक से नहीं जानती थीं-लिहाजा सलमान की बेल प्यारा बैल हो गया।

टेलीविजन चैनल में कभी हिन्दी भाषियों की अंग्रेजी में दिक्कत तो कभी अंग्रेजी भाषियों के हिन्दी में हाथ तंग से ऐसी अनूठी गलतियां हो जाती हैं। ये गलतियां ही फिर किस्से के तौर पर याद रह जाती हैं। मसलन एक दिन ख़बर आयी- Roof collapsed in Jharkhand, 5 dead. । टिकर पर इस बार दूसरी बालिका बैठी थी। इन मोहतरमा ने ट्रासलेशन में लिखा- "झारखंड में छाता गिराने से पांच लोगा मारे "। बॉस ने देखा तो पसीना छूट गया। वो भागे। ऑफिस में जितने बॉस थे-सब भागे। पर टिकर बेखबर। बॉस ने देखा विशुद्द अंग्रेजी भाषी लड़की का यह कारनामा है तो ठीक से नाराज़ भी नहीं हो सके। उन्होंने कहा-"देखो ये क्या जा रहा है। सब शब्दों में मात्रा ज्यादा लगी है।" लड़की समझदार थी। फौरन आदेश का पालन किया। शब्दों से मात्राएं हटा दी गईं। अब यह वाक्य प्रसारित था-"झरखंड में छत गिरने से पांच लेग मरे"। बॉस फिर भागे। लेकिन,इस बार वो बॉस नहीं कर्मचारी बने। वाक्य ठीक किया गया।

दिलचस्प बात ये कि बॉस के जाने के बाद बालिका ने कमेंट किया- व्हाट नाउंसेंस, वी आर ट्राईंग टू लर्न हिन्दी बट......।

-PIYUSH

6 टिप्‍पणियां:

ghughutibasuti ने कहा…

haha
ghughutibasuti

eSwami ने कहा…

हा हा :)

Punit Pandey ने कहा…

हा हा

अनूप शुक्ल ने कहा…

सही है!

ePandit ने कहा…

हा हा, बहुत खूब! बैल पर रिहा हुए सलमान की कोई फोटो भी दिखा देते।

संजय बेंगाणी ने कहा…

सामान्यतः अंग्रेजी का अल्प ज्ञान हँसी का पात्र बनाता था, मगर लगता अब समय बदल गया है.

हे हिन्दी तेरे दिन फिरे.

किस्सा मजेदार रहा. :)