गुरुवार, 28 अगस्त 2008

शादी के लिए परेशान नौजवानों के लिए टोटका


लड़कियां भौचक। एतबार भी नहीं, इंकार भी नहीं। दिमाग कहे चलो ऊपर, लेकिन दिल कहे न..न....।

ये नज़ारा नहीं, एक किस्सा है। करीब 10 साल पहले का एक किस्सा। अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन के आखिरी साल में क्लास के कई लड़के-लड़कियां घूमने के लिए फतेहपुर सीकरी गए। कैसे गए-ये अलग किस्सा है। लेकिन,सलीम चिश्ती की दरगाह पर इबादत के बाद हम पहुंचे हाथी मीनार यानी एलिफेंट टॉवर।

फतेहपुर सीकरी गए सभी लोगों ने एलिफेंट टॉवर देखा होगा। लेकिन,शायद दूर से। दरअसल,एलिफेंट टॉवर के लिए दरगाह से करीब पौन किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है,और वहां कुछ देखने को भी नहीं है। हाथी मीनार अकबर के एक प्रिय हाथी का मकबरा है,और कहते हैं कि डूबते हुए सूरज को देखने के लिए अकबर यहां अपनी पत्नी के साथ आते थे।

मज़ेदार बात ये कि कई बार सीकरी देखने के बावजूद इस बार हमने हर चीज़ को बारीक से समझने के लिए एक गाइड किया था। और गाइड ने ऐलान कर डाला-हाथी मीनार पर अगर कोई भी लड़का-लड़की साथ चढ़ा,तो उसकी शादी तय है। दावे के बोल थे-"यहां भाई-बहन भी साथ चढ़ें तो उनकी शादी हो जाती है"

अब, डंके की चोट पर गाइड भाईसाहब ने ऐलान किया तो साथ गई लड़कियों के पेशानी पर बल पड़ गए।
लड़कियां भौचक। एतबार भी नहीं, इंकार भी नहीं। दिमाग कहे चलो ऊपर, लेकिन दिल कहे न॥न....।


दरअसल,एलिफेंट टॉवर में सात घुमावदार मोड़ हैं,जिन्हें सात फेरे बता दिया जाता है। बहरहाल,आधे घंटे की कवायद के बाद सिर्फ एक लड़की ने हिम्मत दिखायी-मुझसे कहा,चलो मैं चलती हूं।

खैर,मैं और वो साथ चढ़े। बैठे। नीचे आए,और फिर कई दिनों तक इस किस्से को याद करते रहे।

लेकिन,क्लाइमेक्स ये कि इस किस्से के करीब एक साल बाद डेढ़ साल बाद हमने शादी कर ली। हम जब घूमने गए थे,तो मैं और मेरी पत्नी सिर्फ 'दोस्त' भर थे। लेकिन,वक्त के साथ संबंध घनिष्ठ हुए और घर वालों को भनक लगते ही विवाह संपन्न हो गया।

आज पत्नी ने सुबह सुबह ताना कसा (अगर मैं न मिलती,तो कोई तुमसे शादी न करता) तो ये दिलचस्प किस्सा याद आ गया।

वैसे,एक मित्र 'विवेक' को इसका कई दिनों तक मलाल भी रहा कि वो क्यों न 'उसके' साथ ऊपर चढ़े,जिसे वो.........। उसकी "वो" नीचे ही बैठी रही थी।

अब,दिमाग भले यकीं न करे, पर अपने साथ घटित हुआ है तो इसे टोटके के रुप में अपन भी बता डालते हैं। अगर कोई ये टोटका आजमाए तो अपना किस्सा जरुर लिखे। वैसे,इस टोटके का रिजल्ट आने में एक-आध साल लग सकता है,लिहाजा नतीजे का किस्सा थोड़ा ठहरकर सुनाएं।

6 टिप्‍पणियां:

रंजू भाटिया ने कहा…

वाह यह रोचक[ टोटका ]जानकारी है :)

सुशील छौक्कर ने कहा…

पीयूष जी पहले क्यों नही बताया।

L.Goswami ने कहा…

jankari hai ki musibat :-)

शोभा ने कहा…

हा हा हा बढ़िया है । आशा है बहुतों को लाभ होगा। सस्नेह

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

फतेहपुर सीकरी सब से बेहतरीन मुगल बादशाह की रचना है और अधिक इस्तेमाल न होने के कारण अभी तक नयी लगती है। हम गए तब हमने भी यह किस्सा सुना था। पर हम शादीशुदा थे।
पर आपने आजमाया और सफल हुए। यह एक मनोवैज्ञानिक बात थी। जिस लड़की ने आप के संग ऊपर चढ़ना स्वीकार किया वह आप की आकांक्षा थी और उसे मंजूर था। तभी तो जान कर वह ऊपर चढ़ने को तैयार हुई। इस से आप के मनों का संकोच काफूर हो गया और एक निश्चय का जन्म हुआ जिस ने आप दोनों के संबंध को मजबूत बना दिया। फिर क्या था शादी तो होनी ही थी।
आप दोनो को शादी की बहुत बहुत बधाइयाँ। इसी तरह प्रेम पूर्वक ताने देते रहें। पूरा जीवन प्रेममय विभिन्नता में एकता के साथ बीते। यही हमारी शुभकामना है।

Udan Tashtari ने कहा…

रोचक जानकारी.. :)